Summer Training in Gaming : कंप्‍यूटर गेम के बाद मोबाइल गेम को लेकर लोगों के बीच क्रेज टाइम के साथ बढ़ गया है जॉब के लिहाज से देखें तो यह आने वाले समय में हॉट सेक्टर होगा. - EDUKA EDUCATION

Saturday, 25 April 2020

Summer Training in Gaming : कंप्‍यूटर गेम के बाद मोबाइल गेम को लेकर लोगों के बीच क्रेज टाइम के साथ बढ़ गया है जॉब के लिहाज से देखें तो यह आने वाले समय में हॉट सेक्टर होगा.




कंप्‍यूटर गेम के बाद मोबाइल गेम को लेकर लोगों के बीच क्रेज टाइम के साथ बढ़ गया है. अगर जॉब के
लिहाज से देखें तो यह आने वाले समय में हॉट सेक्टर होगा. क्‍योंकि आज के हाईटेक वर्ल्ड में बच्चों के साथ-साथ युवा भी हाईटेक गेम्स के दीवाने होने लगे हैं तभी तो इन्हें अब आउटडोर गेम कम और इंडोर गेम ज्यादा पसंद आने लगा है. यही वजह है कि इंडोर गेम्स यानी वीडियो, कम्प्यूटर और मोबाइल गेम्स का बाजार कई गुना बढ़ गया है. जिस रफ्तार से यह सेक्टर बढ़ रहा है, उससे गेम डेवलपर्स की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है
गेमिंग मार्केट:
मोबाइल गेमिंग का ग्लोबल मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. समय के साथ सेल्युलर ऑपरेटर्स की बढ़ती संख्या की वजह से भारत में भी गेम्स डेवॅलपर्स की मांग बढ़ी है. आज मॉइक्रोसॉफ्ट,  एक्स-बॉक्स, सोनी का प्लेस्टेशन-2, गेम साइट्स, इन सभी का जबरदस्त क्रेज बना हुआ है.
रोजगार की संभावनाएं:
इस समय रोजगार के लिहाज से यह सेक्टर बेहतरीन ऑप्‍शन है. क्योंकि कई गेमिंग कंपनियां भारत में अपना सेटअप तैयार करवा रही हैं लेकिन अच्‍छे गेम डेवॅलपर्स की काफी कमी महसूस की जा रही है. इस क्षेत्र में जावा, C, C++, 2डी गेम डेवॅलपर्स, 3डी डेवॅलपमेंट के जानकारों के लिए असीम संभावनाएं मौजूद हैं. इस फील्‍ड में कई तरह से काम किया जा सकता है.
कम्प्यूटर गेम प्रोड्यूसर:
इसके लिए डिजाइनिंग की जानकारी के अलावा, 3डी मॉड्यूलिंग और टू डी सॉफ्टवेयर का नॉलेज होना जरूरी है वहीं ऑडियो इंजीनियर के लिए C++, साउंड इंजीनियरिंग के अलावा, अन्य लैंग्वेज की जानकारी आवश्यक है वीडियो गेम प्रोड्यूसर का काम पूरे प्रोडक्शन के काम पर नजर रखना होता है इस तरह के इंजीनियर डिजाइन, आर्ट, क्वालिटी कंट्रोल टीम से साथ मिल कर काम करते हैं

गेम डिजानइर:
इनका काम गेम डिजाइनिंग के साथ गेम को फनी बनाना होता है साथ ही, ये गेम राइटिंग और डायग्राम भी तैयार करते हैं लीड डिजाइनर पर पूरे डिजाइनिंग विजन, कॉन्सेप्ट, प्रेजेंटेशन, इंप्लिमेंटेशन की जिम्मेदारी लेते हैं. लेकिन इसके लिए टेक्नोलॉजी की जानकारी होने के साथ-साथ आर्टिस्टीक विजन बेहद जरूरी है
एनिमेटर:
एनिमेटर आमतौर पर प्रोग्रामर और सीनियर आर्टिस्ट के साथ गेम के करेक्टर के हर पहलू पर काम करते हैं. आप एनिमेटर के रूप में काम करना चाहते हैं, तो आपमें 2डी कॉन्सेप्ट आर्ट के माध्यम से 3डी मॉडल्स और 2डी टेक्‍चर मैप को तैयार करने की योग्यता होनी चाहिए.
ऑडियो प्रोग्रामर:
इस तरह के प्रोग्रामर गेम के लिए ऑडियो तैयार करने के अलावा साउंड इंजीनियर करने का काम भी करते हैं वैसे यह फील्ड कंप्‍यूटर  इंजीनियर के लिए बेहतरीन माना जाता है ऑडियो प्रोग्रामर को गेम में स्पेशलइ इफेक्‍ट के इस्तेमाल के लिए साउंड के बारे में अच्‍छी नॉलेज रखना जरूरी है.
ग्राफिक प्रोग्रामर:
गेम को डेवलप करने में ग्राफिक प्रोग्रामर टेक्निकल सपोर्ट देता है लेकिन इसके लिए ग्राफिक प्रोग्रामर को C, C++, डायरेक्ट एक्स, ओपन जीएल, विंडो प्रोग्रामिंग, 3डी पैकेज आदि के बारे मालूम होना चाहिए.
सैलॅरी पैकेज:
देश में गेमिंग की दुनिया में 2डी और 3डी डेवलपमेंट प्रोफेशनल्स की मांग है इस हाइटेक गेम वर्ल्‍ड में शुरुआती दौर में ही आपकी सैलरी 2 लाख सालाना हो सकती है.

Institute Providing Training in Gaming and Animation in Lcuknow
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